मैं बिपिन रावत से सहमत हूँ
आज के बच्चे जेहादी बन रहे है या बुद्धिजीवियों की भाषा में बोले तो आज कल के बच्चे एवं युवा धार्मिक दृष्टि से कट्टर बनते जा रहे है इसलिए उनके साथ वैसा ही सलूक किया जाना चाहिए जैसा कि संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने 9/11 के आतंकी हमले के बाद की थी. अब इस बात को भारत के पहले और नवनियुक्त चीफ ऑफ डिफेन्स फोर्सेज (सीडीएस) मेजर जनरल बिपिन रावत ने कह दिया तो इस देश के सेक्युलर सूरमाओं से यह बात सहन नहीं हो पाई.
आखिर बिपिन रावत ने ऐसा कैसे कह दिया ? अब समय और सरकार बदल चुकी और जो बदला है वह है देश का मिजाज जिसके साथ सभी को बदलना होगा. जो देश के साथ नहीं वह स्वाभविक तौर देश के खिलाफ ही है और उसी वतन में रहते हुए उसके खिलाफ साज़िश रचता है, उसके खिलाफ बोलता है और उसी के खिलाफ काम करता है. जिसे यह बात समझने में दिक्कत हो रही है वह देश को छोड़ दे तो इससे बढ़िया उपकार वाला काम क्या होगा ? आप अपने आपको हमवतन कहते है तो वैसा ही चरित्र क्यों नहीं दिखाते ?

इतना तो साफ़ है कि बिपिन रावत ने देश के युवाओं को बचने और उन्हें सही राह दिखाने के लिए रायसीना डायलॉग के ग्लोबल अफेयर्स इवेंट में ऐसा कहा. वह चाहते तो पुरानी बातें को बोलकर अपना काम चला लेते ताकि सभी उनके लिए तालियां बजा लेते.
अखबार में तस्वीरें फिर भी छपती सो अभी भी छपेंगी बस शीर्षक उनका बदल सा जायेगा. कोई भी बिपिन रावत के खिलाफ बोले तो आप उससे बैर मत करिये बल्कि उसको अपने तर्क से जवाब और बेहतर होगा कि उसको जवाब ही मत दीजिये. जी हाँ ! बिलकुल भी जवाब मत दीजिये क्योंकि वह मुर्ख शख्स होगा अंत में एक वामपंथी, जेहादी, लिबरल इंसान ही जिसके लिए खुद का अस्तित्व देश की सुरक्षा से ज्यादा मायने रखता है.
दुनिया भर में एक ही मज़हब के मानने वालों से अशांति फैली है और वह मुस्लिम मज़हब लेकिन लोग फिर भी इसे शांति का धर्म कहकर सच्चाई से मुँह मोड़ लेते है. कोई भी बिपिन रावत की बात से इत्तेफ़ाक़ न करें लेकिन बुरहान वाहनी जैसे कश्मीरी आतंकी के बारे में पढ़ ले या फिर लंदन ब्रिज आतंकी हमले में मारे गए उस्मान खान के बारे में जान लें. एक ही मज़हब के युवा दुनिया के लिए खतरा बनते जा रहे है जन्नत के झूठे ख्वाब और जिहाद की खूनी इच्छा के चलते. बिपिन रावत ने मासूम युवाओं को भटकने से बचाने के लिए बात कही है इसलिए मैं उनके साथ है और आपको भी होना चाहिए.