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09-Dec-2019, Updated on 12/9/2019 6:57:25 AM
Now UK PM Borris Johnson Plays The "Pro-Hindutva" Card
Playing text to speech
बोरिस जॉनसन चले हिंदुत्व की राह, ट्रम्प की कॉपी करेंगे
ब्रिटेन के मौजदा प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन 12 दिसंबर को होने वाले चुनाव में जीत हासिल करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते है और इसलिए फिर से पीएम बनने के लिए अपने राजीनतिक भइया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प की राह पर चलते हुए उन्होंने भी अपनी खुद की कंज़र्वेटिव पार्टी की कट्टर ईसाईवाद की विचारधारा से समझौता करते हुए सेक्युलर कार्ड खेला है और खुद को हिन्दू-हितैषी दिखाने की कोशिश की है.
उन्होंने देश में रहने वाले 1.5 प्रतिशत हिन्दू धर्म समाज के लोगों को लुभाने के लिए अपनी महिला मित्र कैरी सायमंड्स के साथ प्रसिद्द हिन्दू मंदिर के दर्शन कर धर्म पॉलिटिक्स का बेतुका कार्ड चला है. यहाँ उन्होंने प्रधानमंत्री को "न्यू इंडिया" बनाने के लिए अपना अहम मित्र बताते हुए इस अहम और महत्वकांशी लक्ष्य का साझीदार भी बता डाला.
असल में कंज़र्वेटिव पार्टी चुनाव के आखिरी पड़ाव में माइनॉरिटी कार्ड खेलती है और जबकि यूरोप में माहौल इस्लामोफोबिया या मुस्लिम विरोधी बना तो उस समुदाय को छूने की बजाय उन्होंने उदारवादी और सभ्य हिन्दू समाज वालों को लक्षित करने की ानी और इसी के तहत अपना कार्ड भी खेल डाला.
उन्होंने ने यहाँ अपने मंदिर दर्शन पर चुनावी बयान देकर खुद को ही एक्सपोज कर दिया जब उन्होंने कहा कि उनके पीएम रहते हुए ब्रिटेन में एंटी-इंडिया भावनाओं का कोई स्थान नहीं है.
उन्होंने यह बात भी ज़ाहिर कर दी कि विपक्ष की लेबर पार्टी वास्तव में कश्मीर मुद्दे पर भारत सरकार का विरोध करती है और वह इस मुद्दे पर भारत के साथ है.
टीका लगाकर लेकिन टाई सूट पहने जनाब-ए-नौटंकी बोरिस जॉनसन के साथ समस्या यही है कि उन्हें यही नहीं पता कब कहाँ क्या कहना,करना और बोलना है. बस जो पट् ो और चमचो की टीम बता दिए "मदिरा मैन" और अपनी अय्याशी के लिए खुख्यात बोरिस जी मान जाते है.
अब 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डेविड कैमरून ने जिस तरह से हिन्दू मंदिर में मत्था तक और माला-चन्दन से वाभिभूत होकर अपनी सत्ता की लाज बचा ली थी उससे बोरिस जॉनसन की भी उम्मीदें कहीं ज़्यादा तीव्र हो जाती है.
वास्तव में माइनॉरिटी कम्युनिटी में हिन्दू वोट बैंक कंज़र्वेटिव पार्टी की तरफ ज़्यादा क्रेडिट हुआ है जिससे उसे एंटी-माइनॉरिटी पार्टी मानी जाने वाली लेबर पार्टी के ऊपर बढ़त हासिल करने में कामयाबी मिलती है.
अब जब केवल 4 दिन का इंतज़ार रह चुका तो देखना होगा कि हिंदुत्व की राह पर चलने वाले बोरिस जॉनसन की चुनावी नैय्या किस ओर जाती है. विपक्ष या फिर पक्ष यानी सरकार में बतौर उसके मुखिया प्रधानमंत्री के रूप में.
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