Search here
18-Nov-2020, Updated on 11/18/2020 11:53:19 PM
Is it more important to listen to ads than to talk on the phone?
Playing text to speech
किसी इमरजेंसी सिचुऐसन में फोन काल करने पर फोन पर विज्ञापन सुनने से ज्यादा बात होना कितना जरुरी है देखें -
1. एक अकेली लड़की अपराधियों के चंगुल में फंसी उसे 5 सेकण्ड का वक्त मिला फोन करने का, लेकिन वो फोन नहीं कर पाई वो सिर्फ विज्ञापन ही सुन पाई !
2. यदि कोई इंसान, जो आपकी पहचान वाला भी है, बाइक से अपने परिवार के साथ कहीं जा रहा है, और आपकी नजर पड़ती है कि पीछे बै ी महिला का साड़ी अथवा दुपट्टा बाइक के पहिये में फंसने ही वाला है,
और आपने उनको आगाह करने के लिये फोन किया, लेकिन फोन पर विज्ञापन ही बजता रहा, और जब फोन लगा तब तक देर हो चुकी थी !!
2. मान लीजिये, एक अपराधी किसी के घर के सदस्यों को घायल करके और उनके एक छोटे से बच्चे का अपहरण करके भाग रहा है, और यह घटना देख अगर किसी पड़ोसी ने मदद के लिये फोन किया,
तो फोन नहीं लगा, और मानलो ईश्वर की असीम कृपा से फोन लग भी गया तो फोन पर विज्ञापन ही चलता रहेगा , इतने में अपराधी फरार हो गया !!
३. अगर एक डंपर जो रोड पर तेजी से जा रहा है का पीछे का डाला अपने आप उ ने लगा, और पीछे - पीछे गाड़ी मालिक भी चल रहा था, मालिक ने ड्राइवर को फोन करके रोकना चाहा अथवा बताना चाहा तो,
पहले तो विज्ञापन ही चलता रहेगा, परिणाम ये हुआ कि डंपर का डाला पूरी तरह ऊपर उ गया और हाईटेंशन लाइन से टकरा गया और बड़ी दुर्घटना हो गई !!
ऐसी एक नहीं एक हजार सिचुऐसन हैं जब जीवन बचाने के लिये जो विज्ञापन चलाया जा रहा है वो कैंसे जानलेवा साबित हो सकता है !!
आपको उचित लगे तो कृपया फोन काल से पहले के विज्ञापन हटवाने के लिये मुहिम को व्यापक बनाऐं !!!
Comments
Solutions
Copyright 2010 - 2024 MindStick Software Pvt. Ltd. All Rights Reserved Privacy Policy | Terms & Conditions | Cookie Policy