कायर बन घर बैठे हिन्दू, गुण्डों को आजादी है
चरखे वाला ढोंगी सारे भारत का अपराधी है
हाँ बोले तो मारी जाए,
मना करे तो मारी जाए
सोच रही काफ़िर की बेटी,
आखिर कहाँ बिचारी जाए
कैसे घर से निकले बाहर, पग पग पर जेहादी है
चरखे वाला ढोंगी सारे भारत का अपराधी है
चूड़ी बिंदी खूब सजाई,
पूरे घर की लाज बताई
पर बेटी को हमने तुमने
कभी नहीं तलवार थमाई
और उसी को बचा न पाए तो निश्चित बर्बादी है
चरखे वाला ढोंगी सारे भारत का अपराधी है
छोटी मोटी भीख नहीं दी
देश बाँट कर दान दे दिया,
नीच निकम्मों को हमने ही
पूरा पाकिस्तान दे दिया
जब संकट हिन्दू पर आया, मौन रही ये खादी है
चरखे वाला ढोंगी सारे भारत का अपराधी है
__________________समीक्षा सिंह जादौन
आज कहने को कुछ नहीं ....बस चिन्तन कीजिए