ओला ड्राइवर की बदतमीज़ी : क्या ऐसे ही ड्राइवर्स को रखती है ये बड़ी कंपनी ?
दिनांक थी 17 फरवरी 2020 की जब संगम सिटी प्रयागराज में एक सम्मानित दम्पति और माइंडस्टिक सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मालिक श्री उत्तम मिश्रा अपनी धर्मपत्नी श्रीमती गरिमा मिश्रा के साथ अलोपीबाग रोड से पत्रिका चौराहे स्थित अपने ऑफिस की तरफ जाने के लिए ओला की कैब सर्विस बुक करवाते है. बदतमीज़ ड्राइवर माणिक चंद्र सिंह पहले काफी देरी से उन्हें लेने पहुँचता है और फिर अपनी गलती स्वीकारने की बजाय उन्हीं से नीच व्यवहार करते हुए अभद्रता करता है. सफर के दौरान भी वह शाब्दिक हिंसा का घटिया कृत पेश करता है और उनसे गाली-गलौच करता है.
जब पत्रिका चौराहे पर पहुँचते ही उसे रोकने के लिए कहा जाता है तो वह उन्हें हानि पहुंचाने की धमकी देता है और अपनी घृणित स्त्री विरोधी मानसिकता से ग्रसित होकर एक महिला से असभ्यता से पेश आता है जबकि वह उससे शान्ति से बात कर रही थी. इसके बाद तो इस ड्राइवर ने अपनी नीचता की हद तक दिखा दी जब उसने उनके फ़ोन नंबर पर कॉल कर के घर में घुस के जान से मारने की धमकी तक दे डाली. इस मामले में फिलहाल एफआईआर दर्ज़ करवा दी गई है और पुलिस ने जांच शुरू भी कर दी है.

आखिर ओला जैसी बड़ी कैब सर्विस बिना जाँच-पड़ताल के ही ऐसे गैर-पेशेवर, अभद्र और नीच ड्राइवर्स को अपने बैनर के तले काम पर रख देती है जिससे उसके विश्वनीयता पर सवाल खड़े होते है. आखिर प्रयागराज जैसे सभ्य शहर में एक दम्पति किसी कैब ड्राइवर के साथ गाड़ी में सम्मानित और सुरक्षित ढंग से बैठ भी सकता है या नहीं ?

हम ओला कैब सर्विस को आगाह करना चाहेंगे कि वह जल्द से जल्द अपने माणिक चंद्र सिंह नामक ड्राइवर के विरूद्ध उचित कार्यवाही तत्काल रूप से करे नहीं तो महिला सम्मान की स्वाभिमानी लड़ाई को पूरे मीडिया में ले जाकर लड़ा जायेगा.
#olabaddriver #olaagainstcustomer के ज़रिये माइंडस्टिक की इस मुहीम से जुड़िये और हमारा साथ दीजिये ताकि ऐसे लोगों को सही सबक मिल सके. ऐसी भयानक और अभद्र घटना प्रयागराज और ऐसी कितने ही शहरों में लोगों के साथ हुआ होगा लेकिन किसी वजह लोग अपनी बात सामने आकर कह नहीं पाते अतः हमारा सबसे निवेदन है कि वह आगे बढ़कर अपनी बात रखें और माणिक चंद्र सिंह जैसे बदतमीज़ ड्राइवर्स के खिलाफ अपनी आवाज़ को बुलंद करें.