Congress Vanished In Delhi Elections
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12-Feb-2020, Updated on 12/20/2022 5:07:04 AM

Congress Vanished In Delhi Elections

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दिल्ली चुनाव में कांग्रेस विलुप्त हो गई

 

इस बार के हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में कभी डेढ़ दशक तक राज करने वाली भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को आज एक सीट भी हासिल करने में पसीने छूट गए. उन्हें अब कोई पूछता भी नहीं है! क्या दिल्ली चुनाव में कांग्रेस विलुप्त हो गई ? जी हाँ, धरातल की सच्चाई देखेंगे तो काली हकीकत सामने आ जाएगी. आज कांग्रेस के पास उसकी दिल्ली में शीर्ष नेता रही शिला दीक्षित भी नहीं है और न ही मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गाँधी स्वस्थ है जो वह सक्रिय राजनीति में भाग ले सकें.

कांग्रेस पार्टी की विलुप्ति इस बात से साबित हो चुकी है कि अब उसके पास न ही नेता है, न ही निति है और न ही लीडरशिप है. अब इसका मतलब यह है कि भारत की ग्रैंड ओल्ड पॉलिटिकल पार्टी को नए सिरे से अपने सफर की शुरुआत करनी होगी. राहुल गाँधी को आगे आकर राष्ट्रीय नेता के तौर पर खुद को साबित करना होगा. दिल्ली चुनाव के वक़्त उनकी रैलियां वायनाड एवं जयपुर में आयोजित होती है लेकिन वह दिल्ली चुनाव में कुछ भी करते हुए दिखाई नहीं देते है. क्या कांग्रेस में अब वह माद्दा नहीं रहा कि वह किसी भी अन्य राजनीतिक दल का सामना कर सके ?  

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राजनीतिक पंडितो की तो यह भी राय थी कि उसने केवल भाजपा को रोकने के लिए दिल्ली चुनाव को अंत तक नहीं लड़ा और अपने वोट आम आदमी पार्टी को ट्रांसफर करवा दिए जिससे वह खुद खता भी नहीं खोल सकी और आने वाले समय में अन्य राज्यों में भी भाजपा विरोधी किलेबंदी मिशन के तहत वह सभी को साथ तो देगी लेकिन इसी प्रक्रिया में खुद भी समाप्त हो जाएगी.  

कांग्रेस को जहाँ मंथन करने की आवश्यकता है तो वहीं उसके आलाकमान को खुद के गिरेबान में झाँक कर अपनी गलतियों पर चिंतन कर उनमें सुधार लाना चाहिए नहीं तो एक समय 40 प्रतिशत जनता का समर्थन प्राप्त करने वाली कांग्रेस को आज केवल 4 प्रतिशत मत वाले लोग ही पूछ रहे हैं. इतनी बुरी दुर्दशा के बावजूद भी घाटी कांग्रेसी गाँधी परिवार पर विश्वास बनाये हुए है तो ऐसे में गाँधी परिवार को भी खुद को साबित करना ही पड़ेगा.

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