नया इनकम टैक्स सिस्टम : सरल या कठिन हमारे लिए ?
आज देश ने
आम बजट 2020 की दस्तक देख ली और इसके साथ ही सदन में सबसे ज़्यादा समय तक बोले जाने वाला बजट भाषण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दे दिया है. वह तीन बार पानी पीती नज़र आई और उन्होंने थकन को भी महसूस किया. यह बजट के विशाल विषय है जिसको लेकर अनगिनत उप-विषय और उनकी लेख सामग्री, भूमिका और रूपरेखा इतनी जटिल, विशालकाय है कि जिसकी कोई सीमा ही नहीं है. जो बतौर एक नौकरीपेशा और आम आदमी मुझे ही नहीं आपको सभी को प्रभावित करेगी, वह मुद्दा है नया इनकम टैक्स सिस्टम. अब यह सरल है या कठिन आइये जानते है......
सबसे पहले तो नए इनकम टैक्स स्लैब को समझ लीजिये. अपनी इनकम के अनुसार आपको आयकर देना होगा. हालाँकि सरकार ने पिछले इनकम टैक्स स्लैब या फिर नए इनकम टैक्स स्लैब को मैंने पर छूट दी है.
5 लाख तक: कोई टैक्स नहीं
5-7.5 लाख रुपये: कर 10%
7.5- 10 लाख रुपये: टैक्स 15%
10-12.5 लाख रुपये: टैक्स 20%
12.5-15 लाख रुपये: कर 25%
15+ लाख रुपये: टैक्स 30%

अब यह कठिन तभी है जब आपको आयकर कर यानी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल पहली बार करना हो लेकिन उस हालात में यह आपके लिए बेहद सरल मालूम होती है क्योंकि आपने पहले भी इनकम टैक्स भरा हुआ है. इतना ही नहीं ज़्यादातर लोगों के लिए इनकम टैक्स के कोई मायने ही नहीं है क्योंकि जब देश में औसत प्रति व्यक्ति आय 92 हज़ार के आस-पास ही तो अधकांश प्रतिशत कामकाजी जनता वैसे ही इनकम टैक्स स्लैब से बाहर हो गई लेकिन अब इस बात को झुठलाया नहीं जा सकता है कि जो लोग हाई सैलरी पैकेज कमाते है उन्हें भी अधिक टैक्स देना यदि नए सिस्टम को उन्होंने स्वीकार कर लिया.
आर्थिक असमानता को कम करने के काम में यह सरकार लगी हुई हाई और इसी तरह मध्यमवर्गीय वर्ग की कामकाजी जनता को इससे लाभ मिलेगा जैसा कि कभी पहले ही शायद ही हुआ हो और अब तो बैंक अकाउंट डिपाजिट पर 5 लाख तक की गैरंटी भी मिल चुकी तो मिडिल क्लॉस ग्रुप के लोग जितना खुश, अपर क्लास उतना ही दुखी एवं निराश जिसका सबूत हाई शेयर बाजार का डूब जाना.
अब इतना नया इनकम टैक्स सिस्टम आपके समझ और उपयोग के अनुकूल हो तभी इसे आप सरल या कठिन के स्तर पर परख सकते है.