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27-Jan-2020 , Updated on 1/27/2020 1:34:38 AM
Congress Constitution Lecture To PM Modi
Playing text to speech
कांग्रेस का संविधान पर प्रवचन पीएम मोदी के नाम
कांग्रेस संविधान पर
पीएम मोदी को लेक्चर देनी लगी है। अब इससे इतना तो साफ़ है कि कांग्रेस का दिमाग घूम गया है। जिस संविधान को उसने ही न जाने कितनी बार तोड़ा-मरोड़ा ताकि उसकी राजनीतिक हित पूरे हो सकें अब उसी के लिए संविधान देश के यशस्वी पीएम नरेंद्र मोदी को सबक सीखाने का एक टूल बन गया है । आखिर कांग्रेस की समस्या क्या है ? यह तो वही जानती होगी क्योंकि उसकी करनी-कथनी में बेहत अंतर आ चुका है।
अब तो अमेजन की रिसिप्ट दिखा दी गई है। ट्विटर पर हमेशा जंग हार जाने वाली कांग्रेस अब भारतीय जनता पार्टी से इस तरह लड़ेगी? न अकल बची है और न ही लिहाज। यह कौन से नौसीखिए से ट्विटर हैंडल्स चलवाये जा रहे है ? राहुल गाँधी तो पीएम मोदी को सरेआम चोर तक कह चुके हैं।
संविधान को अपनाने की 71 वीं वर्षगांठ पर, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पुस्तक की एक प्रति भेजते हुए कहा, "जब आप देश को विभाजित करने से समय निकाल सकें, तो कृपया इसे पढ़ें।" सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम या सीएए के माध्यम से संविधान का उल्लंघन करने वाले सरकार के विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया फिर भी कांग्रेस को नकारात्मक राजनीति से अलग होने का मन ही करता है। अधिकांश राजनेता, नागरिक, समाज की हस्तियां और कलाकार जो सीएए का विरोध कर रहे हैं, उन्होंने गणतंत्र दिवस पर संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा।
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"प्रिय पीएम, संविधान जल्द ही आप तक पहुंच रहा है। जब आपको देश को विभाजित करने से समय मिलता है, तो कृपया इसे पढ़ें। सादर, कांग्रेस," पार्टी ने अमेज़ॅन रसीद के स्नैपशॉट के साथ ट्वीट किया, जिसने संकेत दिया कि यह संविधान की कॉपी होगी। कांग्रेस ने 42 वे संशोधन के ज़रिये ही देश की संविधान की आत्मा पर गहरा प्रहार किया था जिससे चलते संविधान की प्रस्तावना बदल दी गई और सेकुलरिज्म-सोशलिज्म की बीमारी वाली पॉलिटिक्स को पैदा कर दिया और देश आज भी उसी को भुगत रहा है।
पीएम मोदी को कांग्रेस की लेक्चर की ज़रुरत नहीं है क्योंकि वह नागरिता संशोधन अधिनियम के ज़रिये देश की मिट्टी से बिछड़ गए धार्मिक अल्पसंख्यकों को वतनवापसी की राह पर ले आ रहे है जिसमें देश भी उनके साथ है फिर चाहे कांग्रेस हो या न हो। कांग्रेस को खुद समझ लेना चाहिए कि जनता उसे अब स्वीकार तब तक नहीं करेगी जब तक वह देश की बात करना शुरू नहीं कर देती है बजाये कि दोगलापन दिखाकर लेक्चर देने की वह भी देश के प्रधानमंत्री को।
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