जब एक लड़के को फ्रेंडज़ोन किया जाता है
जब भी एक लड़के को फ्रेंडज़ोन किया जाता है तो वह टूट जाता है. डियर हर एक लड़की इस दुनिया, ज़रा इस बात को भी समझ लो कि तुम अपनी खुद की स्वीकृति और मनपसंद चीज़ के लिए उसको दबा देती हो, वह शख्स दबी जुबां में तुमको हाँ तो देता है तो यह उसकी मज़बूरी वाली हाँ जो कि तुम उसके दिल पर अटैक करती हो, उसे हर्ट करती हो और वह चुपचाप तुम्हे न खोने के डर या सैदेव तुम्हारे साथ रहने की चाहत में कुछ कह भी नहीं पाता है.
अब इसकी ज़िम्मेदार तो केवल आप है मोहतरमा जी, जिन्हें एक लड़का दोस्ती के वास्ते और दूसरा लड़का इश्क़ फरमाने के वास्ते चाहिए यानी डबल फायदा और डबल मज़े. यहाँ आप के प्रति नफरत भरी टिप्पणी नहीं है बल्कि यह तो इस बात का सूचक है कि वह तुमसे कितना सच्चा प्यार करता है पगली.
आपके लिए एक लड़के का दिल दुखाना और उसे अपने इशारो पर नाचना आम बात होगी साहिबा किन्तु एक मासूम से नेकदिल लड़के को आप "सख़्त लौंडे" में परिवर्तित कर देती है तो उसकी ज़िम्मेदार आप खुद होती है. इसलिए अपनी खता के लिए उसके जज़्बातों को नकारना बंद कर दो. इससे न तो कोई लाभ है न ही कोई हानि बस इतना ज़रूर है कि आपको निश्चिंत होने का अवसर प्राप्त हो जाता है कि वह आपका ही बनकर रह जाएगा और क्योंकि आपसे कभी दूर नहीं जायेगा इसलिए "केवल फ्रेंड के तौर पर तुम्हे पसंद करती हूँ बोलकर....." आपसे उसका भावनात्मक शोषण करती है. वह आपका ही है परन्तु आपके लिए ही नहीं, उसे भी जीवनसंगनी पाने का हक़ है. जो उसे प्यार करे, उसका साथ दे, उससे शादी करे न कि उसका अपने निहित स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करे.
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अब तो धोकेबाज़ी भी फ्रेंडशिप यानी दोस्ती के नाम पर शुरू हो चुकी है तो ऐसे में कुछ ख़ास तौर की लड़कियां धोखा देने से भी बाज़ नहीं आती है और उनको इस बात को समझना होगा कि एक मासुम लड़के को एक शैतान गुनाहगार में बदल देने की ज़िम्मेदार वह स्वयं है.
तो जब एक लड़का एक लड़की का कातिल बन जाता है तो उसकी ज़िम्मेदार भी तुम खुद होती हो. जब तुम एक लड़के को फ्रेंडज़ोन कर देती हो तो तुम उसकी दुनिया ख़त्म कर देती हो जहाँ तुम उसकी बीवी और वह तुम्हारा पति होता लेकिन अंतर तुम दोनों में यही है कि तुम फ्रेंडज़ोन कर के उसे न पाकी और वह फ्रेंडज़ोन में ही रहकर ही तुम्हारे आलावा किसी और को नहीं पा पाया.