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19-Dec-2019, Updated on 12/19/2019 3:07:26 AM
Japan's courageous female journalist Shiori Ito who won Me Too Case
Playing text to speech
जापान की साहसी महिला पत्रकार शिओरी इतो जिसने जीता मी टू केस
मी टू कैंपेन के बारे में तो सब लोग जानते हैं पर क्या किसी पीड़ित महिला को इन्साफ मिलने की जीत नसीब हुई, इसका किसी को इल्म है ? शायद नहीं! अब जापान की राजधानी टोक्यो की एक अदालत लम्बे संघर्ष के बाद साहसी महिला पत्रकार शिओरी इतो को मी टू के हाई प्रोफाइल में इन्साफ मिल गया है.
पहले तो स्पष्ट शब्दों में समझा दें कि मी टू कैंपेन एक इंटरनेशनल लेवल मूवमेंट जो कि सेक्सुअल हर्रास्मेंट और सेक्सुअल असाल्ट के खिलाफ है. इसको लेकर न्यूज़ मीडिया में भी कई मामले सामने आये.
जैसा कि भारत में पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद एमजे अकबर के साथ देखने को मिला जिनके खिलाफ ग़ज़ाला वहाब से लेकर सबा नक़वी तक ने अश्लीलता और यौन शोषण का आरोप लगाया है. उनका मामला तो कोर्ट में लंबित और अभी यह चलता ही जाएगा क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार का अहम मोड़ नहीं आया है.
खैर ऐसा जापान में देखने को नहीं मिला है. महिला पत्रकार शिरो इतो को मी टू का चार्ज लगाने के बाद पता था कि इन्साफ की यह जंग बेहद क िन और लम्बी होने वाली है इसलिए तो उन्होंने हार नहीं मानी और हार न मानने वालों की ही जीत होती है.
वर्तमान जापान प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे के करीबी टीवी न्यूज़ रिपोर्टर नोरियुकी यामागुची को कोर्ट द्वारा सज़ा दी गई और मुआवजे के तौर पर 30 वर्षीय शिओरी इतो को 1 लाख अमेरिकी डॉलर्स यानी करीब 71 लाख रुपये का मुआवजा देना होगा.
मामला साल 2015 का है जब नौकरी देने के नाम पर इतो को डिनर के लिए बुलाया गया और यामागुची ने उन्हें नशा देकर दुष्कर्म किया.स्वाभाविक सी बात थी कि इसके बाद वह आरोपों को नकारते रहे निरंतर तौर वह भी हर बार.
खुद को पाक बताते हुए इस परवर्ट ने इतो के खिलाफ ही 13 करोड़ का मुकदमा ोक डाला जिससे उसके हौसले पस्त हो सकें लेकिन सच तो यह निकला कि वही अपराधी और शिओरी इतो जापान में मीटू कैंपेन का सबसे बड़ा और मुखर चेहरा बनकर उभरी है.
कोर्ट से निकलते हुए उन्होंने कहा कि हम जीत गए ! हो भी क्यों न जब 4 प्रतिशत दुष्कर्म के मामले ही जापान देश में रिपोर्ट की जाती है.
शिओरी इतो वास्तव में प्रशंसा की पात्र है जिन्होंने किसी भी पल हार नहीं मानी और अपने सम्मान हेतु लड़ती रही. जहाँ दुनिया भर की महिलाओं से उन्हें बधाई मिल रही है तो यहाँ की कथित फेमिनिस्ट महिलाएं चुप है. हमें तो शिओरी इतो पर नाज़ है !
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