हे स्त्री! हम आदमियों पर भी ज़ुल्म होते है
देश की सभी औरतों को नमन करते हुए मैं
आज उन पुरुषों की पीड़ित आवाज़ बनकर सामने आया हूँ जो कुछ दमनकारी स्त्रियों द्वारा कहीं न कहीं कुचले जाते है. क्या उन्हें जीने का हक़ नहीं है ? क्या उनके लिए किसी भी प्रकार के मानवाधिकार नहीं बनाये गए है ? कभी दहेज़ के झूठे केस, कहीं रेप का घिनौना गन्दा आरोप लगे इन निर्देश आदमियों को इन्साफ दिलाने के लिए कोई कानून का ठेकेदार सामने क्यों नहीं आता है ? क्योंकि उनके नाम पर राजनीति करने से आप स्त्री-विरोधी हो जायेंगे हो इसलिए ? क्या उनको इन्साफ मिले इसके कोई उन्हें वकील भी मुहैया नहीं करवाएगा? अब ऐसे बत्तर दिन आ चुके है इस समाज के सामने कि अब स्त्री के ऊपर आरोप लगाने वाले मर्दो को अपराधी बना लिया जाएगा न्यायिक प्रक्रिया यानी फेयर ट्रायल के शुरू होने से पहले.

हे ! स्त्री वह निर्दोष आदमी तुम्हारे बाप, पति, भाई आदि की तरह किसी और का भी भाई, बाप या पति होगा. क्यों तुम खामोश रह जाती हो जब किसी निर्दोष आदमी पर आरोप लगता है और उसे झूठे मामलो में फंसाया जाता है. चाहे रेप हो, घरेलू हिंसा या फिर दहेज़ ! बस कोई भी आरोप सहूलियत के हिसाब से मढ़ दिया एक निर्दोष आदमी के माथे पर और वह सलाखों के पीछे.
कानून भी अँधा होने के साथ-साथ दोगला हो चुका है. संविधान के हिसाब से तो मर्द-औरत कानून की नज़रो में एक समान है लेकिन सिर्फ यह बात केवल कागज़ तक ही सीमित. देह व्यापार में औरतों को शिकार बनाने की अमानवता काफी समय से रही है किन्तु बड़े शहरों में इसमें अधिकतर मर्दो को ही शिकार बनाया जाता है अधेड़ उम्र ही औरतों की हवस की प्यास बुझाने के लिए. जब कदापि किसी पुलिस रेड में वह "धंधा करने वाला" लड़का पकड़ा भी जाए तो वह शिकारी और हवसी औरतों का चिल्लाना शुरू हो जाएगा कि "देखो यह मेरी आबरू ........." अब पुलिस के लिए इससे आसान क्या होगा ?

नारी पर अन्याय हो जाता है तो पुलिस को आसानी दिखती है. उसके लिए उस निर्दोष शख्स को दबोच के पुलिस कोतवाली घसीटना बड़ा आसान है. उसके शर्ट के कपडे खुले होंगे तो वह वहशी दरिंदा ही होगा न कि एक मासूम सा इंसान.

हे स्त्री ! तुम भी सुन लो और जान लो कि अत्याचार के ऊपर लिंग का भेद करके केवल इंसानियत समाप्त होती है न कि कुछ और. हम भी आदमी है, हम पर भी अत्याचार होता है. हाँ एक औरत अपने पति को मारती है ! एक औरत भी एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर रखती है. एक आदमी का भी यौन शोषण होता है , उसका भी रेप किया जाता है. अरे औरत, एक मर्द का भी उत्पीड़न होता है.