बारह साल में एक बार: महाकुंभ मेला 2025 प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर आयोजित होगा।
                        
 
                    
                
                 
                     
                 
            
        
        
            
                
                
            
               
                      
                        
                        
                            ज्योतिषीय महत्व: यह गुरु के वृषभ राशि और सूर्य के मकर राशि में होने पर आयोजित होता है।
                        
 
                    
                
                 
                     
                 
            
        
        
            
                
                
            
               
                      
                        
                        
                            महाकुंभ 2025 में 100 मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना है।
                        
 
                    
                
                 
                     
                 
            
        
        
            
                
                
            
               
                      
                        
                        
                            आध्यात्मिक शुद्धि: संगम में स्नान से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है।
                        
 
                    
                
                 
                     
                 
            
        
        
            
                
                
            
               
                      
                        
                        
                            मुख्य स्नान तिथियां: प्रमुख शाही स्नान मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, और वसंत पंचमी को होंगे।
                        
 
                    
                
                 
                     
                 
            
        
        
            
                
                
            
               
                      
                        
                        
                            आधुनिक सुविधाएं: तीर्थयात्रियों के लिए अस्थायी टेंट सिटी और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
                        
 
                    
                
                 
                     
                 
            
        
        
            
                
                
            
               
                      
                        
                        
                            नागा साधु: नागा साधु अपनी भव्य शोभायात्रा और शाही स्नानों का नेतृत्व करेंगे।
                        
 
                    
                
                 
                     
                 
            
        
        
            
                
                
            
               
                      
                        
                        
                            यूनेस्को मान्यता: कुंभ मेला को यूनेस्को ने अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी है।
                        
 
                    
                
                 
                     
                 
            
        
    
    
        
            
            
        
      
			
				
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