China Ke Prati Ka Ravaiya
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03-Feb-2020

China Ke Prati Ka Ravaiya

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चीन के लिए सभी देशों के द्वार बंद

चीन में फैले कोरोनावायरस की मारामारी के चलते आज पूरी दुनिया उससे दूरी बनाने में लग गई. कोई चाइनीज़ नागरिको को वीजा ऑन अराइवल देने से मन कर दे रहा है तो कोई आज अपनी सीमाओं को ही चीन के लिए बंद कर दे रहा है. उधर विश्व स्वास्थ्य संग न बै क कर पूरी दुनिया से इस बीमारी की मारामारी से लड़ने और चीन की पूरी मदद की बातें कर रहा है. क्या मिथ्याचारी व्यवहार है उस देश के साथ जो खुद ही कुछ देशों को सुपर पावर होने का धौंस देता आया है.

अब कोरोनावायरस के कारण मकाऊ शहर को खाली तक करवा दिया गया तो कहीं कोई देश अपने नागरिकों को वतन वापस लाने के लिए स्पेशल एयरलिफ्ट मिशन करवा देता है जैसा कि एयर इंडिया के ख़ास प्लेन को भेजकर पीएम मोदी की अगुवाई वाली भारत सरकार ने कर दिखाया और वुआन शहर से भारतीय छात्रों को वापस ले आया गया था.

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China Ke Prati Ka Ravaiya

अब हमें देखना यह बात भी चाहिए कि चीन ने तो किसी से मदद के लिए हाथ फैलाये भी नहीं और इसका इलाज ढूढ़ने के लिए तत्काल 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स का बजट सुनिश्चित कर फ़ास्ट रिसर्च शुरू भी कर दिया है. एक चीनी महिला डॉक्टर साथ लोगों का इलाज करने में भी कामयाब रही तो 10,000 बेड्स के अस्पताल को केवल 9 दिनों में खड़ा कर लिया गया. 

चीन को अकेला चलने की आदत है फिर चाहे कोई उसका साथ दे या न दे. दूसरा पहलू आजकल कोई देखना पसंद करता है और यही हाल चीन का भी है जो आज तो स्वाभलम्बी बन सकता है किन्तु भीतर ही भीतर खुद की फैलने की लत और दूसरों के प्रति द्वेषी रवैये के चलते आज उसे कोई खुल के मदद नहीं कर रहा है. अपने पिट्टू पाकिस्तान को वो खुद खिलता पिलाता और उससे मिली बक्शीश के रूप में मदद वह लेकर भी उससे कोई लाभ नहीं लेगा. 

इबोला आया, ज़ीका वायरस आया ,आज कोरोनावायरस ने दस्तक दी है और एक हेल्थ साइंस के लिए चुनौती उभर के सामने आई है लेकिन उसका नतीजन इलाज मिल ही जायेगा. लेकिन मुसीबत के समय एक दूसरे मदद करने की बजाये कन्नी काटने का अंतराष्ट्रीय मंज़र पहली बार इस सदी में देखने को मिल रहा है. चीन इसके लिए ज़िम्मेदार है और पूरी दुनिया इसका प्रतिकार है.  

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