Amitabh Bachchan Gets His Ultimate Award
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30-Dec-2019, Updated on 12/30/2019 10:26:34 PM

Amitabh Bachchan Gets His Ultimate Award

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अमिताभ बच्चन को मिला अंतिम न्याय रुपी वह पुरस्कार जिसे कांग्रेस सरकार के रहते कभी न दिया जाता


सदी के महानायक और भारतीय हिंदी सिनेमा के सबसे कामयाब सितारे अमिताभ बच्चन को आखिरकार उनके 5 दशक से भी अधिक के लम्बे और कहानीनुमा फ़िल्मी करियर का सबसे महत्वपूर्ण और अंतिम न्याय के समान पुरस्कार - दादासाहेब फाल्के अवार्ड मिला है. यह उनके साथ हुआ अंतिम न्याय है. वक़्त ने भी क्या हसीन सितम बॉलीवुड के एंग्री यंग मैन अमिताभ बच्चन पर खाए है.  

उनके पिता प्रसिद्ध हिंदी कवि हरिवंश राय बच्चन और माता तेजी बच्चन जी के इंदिरा गाँधी परिवार से ताल्लुख के बारे में सभी लोग जानते है किन्तु आखिरकार उन्हें उसी पार्टी ने कभी राष्ट्रीय सम्मान के काबिल नहीं समझा जिसे पाने के हक़दार तो वह बीस साल पहले ही बन चुके थे. हाँ 1984 दोस्त और तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने उन्हें सम्मान के तौर पर पद्म श्री अवार्ड दिया था किंतु उसके बाद क्या हुआ ? उन्हें कभी राष्ट्रीय पुरस्कार के लायक ही नहीं समझा गया. क्यों ? क्योंकि उन्होंने खुद पर झू े केस लगाए जाने के बाद सक्रिय राजनीति से खुद को अलग कर लिया था और उनके पास कुछ और विकल्प नहीं छोड़ा ? 

राजीव गाँधी ने अपने दोस्त की मदद करी थी ? कोर्ट केस तो खुद बेचारे अमिताभ बच्चन को लड़ना पड़ा. तब जाकर तो उन्हें पता ही चल ही गया कि गाँधी परिवार ने उनके राजनीति छोड़ने पर उन्हें भी छोड़ दिया. आपको इतना ज़रूर कहना चाहूंगा कि यह मोदी सरकार ही थी जिसने वास्तव में 2015 में पद्म विभूषण और फिर साल 2019 में उन्हें उनका असली हक़ यानी हिंदी फिल्म जगत का सबसे बड़ा सम्मान दादासाहेब फाल्के अवार्ड से नवाजा. 

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वह पहले तो ख़राब स्वास्थ्य के चलते नहीं जाने वाले थे लेकिन मोदी सरकार कोई भेदभाव किये बिना ही उन्हें आमंत्रित करती है और वह सहर्ष स्वीकारते हुए अवार्ड फंक्शन में पत्नी और फिल्म एक्ट्रेस एवं राज्यसभा सांसद जया बच्चन और अपने बेटे अभिषेक बच्चन के साथ अवार्ड फंक्शन में अपनी उपस्थिति दर्ज़ करवाते है. 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पुरस्कार प्राप्त करते उनके चेहरे पर जो संतोष का भाव दिखा वह उनके अंदर की पीड़ा के खात्मे और आज तक उनको कितना इंतज़ार करना पड़ा यह बात साफ़ झलक रही थी. अब एक मिनट के लिए ज़रा सोचिये यदि कांग्रेस सरकार आज भी होती तो अमिताभ बच्चन को यह पुरस्कार मिल सकता था क्या? बिलकुल भी नहीं ! उस सरकार का बस चलता तो वह अमिताभ बच्चन को बैन, उनकी हत्या या फिर उनकी इज़्ज़त बट्टा तक लगवा देती फिर भी चाहे अमिताभ बच्चन आज भी उनके नरम पक्ष रखें.

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